POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
(धारण योग्य जो,धर्म वही है - हिंदी कविता / Dharan yogya jo,wahi dharm hai.- Hindi poem)
अम्बेडकरनगर ,उत्तरप्रदेश से रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी की कविता:-
सत्य मार्ग पर
आगे बढ़कर
मानवता के
पथ पर चलकर
शान्ति और सहयोग
बनाकर
जाति पाति का
रोग मिटाकर
छूआ छूत और
ऊंच नीच का
अंतर्मन से
भेद हटाकर
करने योग्य जो
कर्म सही है
धारण योग्य जो
धर्म वही है।
धर्म के पीछे
होता धंधा
कहीं अपहरण
कहीं पर दंगा
कुछ लोग तो
होकर अंधा
कहीं पर लड़ते
लेते पंगा
कहीं पर करते
काम भी गंदा
अंधविश्वास की
झांसा देकर
मन को करते
रहते चंगा
ये सब
करना सही
नही है,
धारण योग्य जो
धर्म वही है।
धर्म सभी को
जोड़े रखता
पशु पक्षी की
रक्षा करता
राजनीति में
धर्म को लाकर
कहते धर्म पर
खतरा लगता
धर्म नही कोई
राजनीति है
ना ही कोई
कूटनीति है
धर्म सिखाता
जीवन जीना
मरना कटना
कभी नही है,
धारण योग्य जो
धर्म वही है।
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रचनाकार -
रामबृक्ष बहादुरपुरी
(अम्बेडकरनगर ,यू पी )
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3-भारत माता अभिनंदन संगठन जिला अम्बेडकरनगर इकाई साहित्यिक मंच का अध्यक्ष।
4-हाल ही में, अंतरराष्ट्रीय कबीर कोहिनूर अवार्ड २०२३ (दिल्ली में सम्मानित) से सम्मानित किए गए।
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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