POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
(Hindi poem - संस्कार और परिवार/ Sanskar aur pariwar)
वो एक परिवार
पिता ने खून पसीने की कमाई से
एक कुटिया बनाई बड़े ही प्यार से।
परिवार था थोड़ा बड़ा, मकान थे कच्चे
जिसमें थे पति - पत्नी और रहते थे पांच बच्चे।
पिता जुटा लेते थे सबके लिए साल में नए कपड़े
तो कभी रह जाते थे पिता के कमीज़ में छेद पड़े।
होते थे फटे जूते और सिलवट जड़े कपड़े
पर चेहरे पर खिली होती थी मुस्कान बड़े।
मिल बांट कर हर चीज हो जाती थी सबको पूरी
माता- पिता का सम्मान होता था जीवन की धुरी।
एक दूसरे की खुशियों में खुशी होती थी छुपी
परिवार की गाड़ी किसी बाधा में कभी न रुकी।
था वो एक वक्त जमाने में खुशहाली का
रिश्तों की कद्र और फिक्र थी जहां , तरीका जीने का।
:- तारा कुमारी

Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
Comments
Post a Comment