रूठना और मनाना / शिकायत ruthna aur manaana / shikayat - short Hindi poem

 

POETRY IN HINDI  :- कविताओं का संकलन।

( Short-Hindi poem)

रूठना और मनाना / शिकायत (हिंदी कविता ) / Ruthna aur manaana / shikayat (Hindi short poem)

रूठना ,मानव स्वभाव है।और जब हम अपनों से रूठते हैं या जिससे प्यार करते हैं उनसे रूठते हैं तो इससे हमारी कई  प्यार भरी उम्मीदें अपने आप जुड़ जाती हैं।वहीं अपनों को मनाना या अपनों के द्वारा खुदको मनाया जाना एक खूबसूरत एहसास होता है जो अपनों के बीच खुदको प्यारे होने का अहसास दिलाता है।
इन्हीं कोमल भावनाओं और इनसे जुड़ी शिकायतों को उकेरती
 ये छोटी सी कविता प्रस्तुत है।

रूठना और मनाना

-----

रिश्तों में रूठना और मनाना 

दो खूबसूरत पहलू होते हैं।

जहां,

नाराजगी में भी दो लोग 

कहां दिल से जुदा हो पाते हैं।

----×----


शिकायत

----

आपको पता तो है..

आपके लिए हम बहुत रोते हैं।

फिर भी हमें रूठा देख,

आप हमें मनाना छोड़ 

खुद क्यों खफा हो जाते हैं?

-----------------


कैसी लगी आपको यह छोटी सी कविता ? जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।

More poems you may like from poetry in hindi:-


विविध अभिव्यक्ति ( कहानी ,लेख आदि):-

मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।

Love poem
October 15, 2022
0

Comments

Search

Theme images by Michael Elkan