जाने कहां गुम हुआ jaane Kahan gum huwa - A hindi poem

POETRY IN HINDI  :- कविताओं का संकलन।

( Short-Hindi poem)

(जाने कहां गुम हुआ - हिंदी कविता/jaane kahan gum huwa - short Hindi poem)

    कभी कभी हमारा अंतर्मन बोझिल हो जाता है,कई उलझनों से। जिनका कोई समाधान नजर नहीं आता।बस लगता है कुछ पल के लिए ही सही उस मनोदशा से किसी तरह छुटकारा मिल जाए या मन को शांति मिले तो हमारा मन यहां वहां भटकता हैं।    कभी तो सुकून मिल जाता है लेकिन कभी ऐसा भी होता है कि हम बेचैन ही रह जाते हैं और अंदर ही अंदर एक छटपटाहट महसूस करते हैं।जिनसे ये पूरी दुनिया अनजान रहती है।
    इन्हीं भावनाओं से घुली मिली ये छोटी सी कविता प्रस्तुत हैं।

Jaane aaj kahan gum huwa sukun hai

जाने कहां गुम हुआ

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जाने कहां 

आज

गुम हुआ 

सुकून है।

ढूंढती फिर रही 

मैं इसे,

कभी 

अपनों के कंधों पर,

कभी 

अपनों की गोद में

कभी 

अपनों की बातों में 

तो कभी 

अपनों की यादों में।

लेकिन, 

न जाने क्यूं..

नहीं  मिला  मुझे,

कोई 

एक भी पल 

मुझे सुकून का।।

~~~~~~~~~~~~

:- तारा कुमारी

( कैसी लगी आपको यह कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)

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मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।

life poem
May 18, 2023
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