POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
अम्बेडकरनगर ,उत्तरप्रदेश से रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी की कविता:-
कागज और नोट
बचपन में पढ़ने का
या अच्छा कुछ करने का
मन कहां?
और कब?
होता है।
पर मां समझाती थी
एक ही बात बताती थी
पढने से
कुछ करने से
पैसा आता है
सहूलियत आती है
और ज़िंदगी सुधर जाती है।
चल पड़ा
बस्ता लिए
स्कूल को,
अचानक ठहर गया
देखकर
मदारी का खेल
जहां हो रहा था
ठेलमठेल
रेलमपेल।
मदारी कागज से
बनाया कड़ी कड़ी नोट
मेरे मन में आया सोच
क्या फायदा
पढ़ने से,
मैं भी सीख लूं
कागज से बनाना नोट।
फिर अचानक
देखा मदारी को
मांगते हुए पैसा
मैने सोचा !
ये कैसे
हो सकता है ऐसा,
जो कागज से
बनाता पैसा
करता है
चमत्कार,
वह पैसे के लिए
इतना क्यूं है
लाचार।
वह मेरे पास भी आया
मैंने उसको
बड़े मासूमियत से
समझाया,
हे भाई!
ए लो मेरी कापी
ए तेरे लिए होगा काफी
इससे बनाना नोट
तेरे सब मिटेंगे
गरीबी
मजबूरी
और दिल के सारे चोट।
वह चौंका
घूरते हुए मुझ पर
भौंका
अरे!
आदमी हो!
यह जादू है,
सच्चाई थोड़ी है।
मैं समझ चुका था
जादू सच नही होता
सच सच होता है।
फिर भी
सोच कर देखो
कोई जादूगर -
कागज को नोट बनाता है
और नोटबंदी-
नोट को कागज बनाता है।
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रचनाकार -
रामबृक्ष बहादुरपुरी
(अम्बेडकरनगर ,यू पी )
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3-भारत माता अभिनंदन संगठन जिला अम्बेडकरनगर इकाई साहित्यिक मंच का अध्यक्ष।
4-हाल ही में, अंतरराष्ट्रीय कबीर कोहिनूर अवार्ड २०२३ (दिल्ली में सम्मानित) से सम्मानित किए गए।
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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