कर भला तो हो भला kar bhala to ho bhala - Hindi Short - story

      Short - story ( जीवन में हमेशा सकारात्मक विचारों को शामिल करने की नसीहत देती एक छोटी सी कहानी ) :- 

कर भला तो हो भला - हिंदी कहानी / kar bhala to ho bhala - Hindi short story.

दोस्तों, विचारों की ऊर्जा चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक , घूम फिर कर हमारे पास जरूर लौटती है। कुछ ऐसी ही रीना और टीना की ये एक छोटी सी कहानी आप सब के सामने प्रस्तुत है।


kar bhala to ho bhala

               कर भला तो हो भला


       रीना दसवीं कक्षा की छात्रा है तथा अपने माता-पिता तथा भाई-बहनों के साथ गर्मी की छुट्टियां मनाने शहर से गांव आई है।
       गांव में अपना पुश्तैनी मकान है | वहां की हरियाली, हरे भरे खेत रीना को खूब आकर्षित करते हैं | खास कर दो चीजें- एक तो घर के पास एक तालाब का होना, जहां बच्चे मछलियां पकड़ते तथा तालाब के किनारे इमली के पेड़ में झूले डालकर पूरे दिन झूला झूलते |
      वहीं घर से कुछ दूरी पर  खेतों के ठीक बीचोबीच एक पुराना शिव मंदिर है, जहां रीना प्रत्येक दिन शाम के वक्त जरूर जाया करती तथा माथा टेक कर ही वापस आती।
पता नहीं क्यों, वहां जाकर रीना को बहुत ही शांति और खुशी महसूस होता ।
 उस मंदिर के शिवलिंग के ऊपर हर वक्त एक छोटे मटके से जल की बूंदें गिरती रहती |
        एक दिन की बात है, रीना के साथ उसकी छोटी बहन टीना ने भी शिव मंदिर जाने की जिद की | 
        टीना कक्षा 6 की छात्रा थी| टीना का स्वभाव बहुत ही चंचल था| वह कभी भी किसी बात को गंभीरता से नहीं लेती और सारा दिन हंसती  खेलती,शरारत में ही व्यस्त रहती|
        पिताजी, उसे अक्सर ही डांट दिया करते ताकि वह  पढ़ाई पर भी ध्यान लगाए ।
उनके पिताजी चाहते थे कि टीना, जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे जाने-माने विद्यालय में पढ़ाई करें ।इसलिए, उन्होंने टीना को जवाहर नवोदय विद्यालय का प्रवेश परीक्षा दिलाया किंतु टीना उसमें सफल नहीं हो सकी | इसके बाद उनके पिताजी दूसरे कई विद्यालयों के लिए टीना को प्रवेश परीक्षा में शामिल कराए उनके परिणाम आने बाकी थे ।
       रीना यह देख कर मन ही मन सोचती कि काश उसकी छोटी बहन परीक्षाओं में सफलता हासिल  करके किसी अच्छे विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करें |
      रीना,छोटी बहन को लेकर खेतों के मेड़ पर चलते हुए मंदिर के पास पहुंची | मंदिर के चारों ओर घेरा लगा हुआ था |जिसमें एक मुख्य द्वार था | 
दोनों बहनों ने अपने चप्पल बाहर उतार दिए और मंदिर की घंटी बजाकर माथा टेका ।
      रीना हाथ जोड़कर आंखें बंद करके प्रार्थना करने लगी |रीना ने मन मन ईश्वर से प्रार्थना किया - "हे भगवान! मेरी छोटी बहन इस बार के दिए प्रवेश परीक्षा में अवश्य ही सफल हो जाए|" 
     इतनी प्रार्थना कर रीना  ने जब अपनी आंखें खोली तो टीना को बिल्कुल अपनी ही तरह हाथ जोड़कर आंखें बंद किए हुए पाया |
 रीना मन ही मन मुस्कुराई और  उसके आंख खोलने का इंतजार करने लगी|
      कुछ ही पलों बाद टीना ने आंखें खोली तथा पुनः शिव जी को प्रणाम कर वह चलने के लिए उसकी ओर देखने लगी|
      रीना ने उसे चलने का इशारा किया | दोनों धीरे धीरे चलते हुए वहां से वापस घर की ओर चल पड़े|
       शाम हो गई थी| तभी रीना के मन में ख्याल आया कि मैं तो बड़ी हूं, मैंने छोटी बहन के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया| आख़िर टीना ने क्या प्रार्थना किया होगा ? 
       रीना ने सहज भाव से पूछा - "टीना तुमने ईश्वर से क्या प्रार्थना किया ?" 
      टीना ने मासूमियत से जवाब दिया-" मैंने भगवान जी से कहा कि हे भगवान! मेरी दीदी जो कुछ भी मांग रही है उसे जरूर पूरा कीजिएगा|" 
     यह सुनते ही रीना कुछ क्षण के लिए चुप हो गई | फिर मंद मंद मुस्कराते हुए घर की ओर चल पड़ी |

(स्वरचित) 
:-तारा कुमारी

मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।

Short-story
May 12, 2020
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