साथ तुम्हारे रहना था (हिंदी कविता)/ Sath tumhare rahna tha (Hindi Poem) साथ तुम्हारे रहना था। साथ तुम्हारे रहना था, संग रहने के अरमान में ख़ामोश धीमी मौत को गले लगा लिया मैंने। साथ तुम्हारे हंसना था, हंसने की चाह में दामन को आंसुओं से सजा लिया मैंने। और, एक वो हैं जो हर चोट देकर भी, अपने हाथ मेरे हाथों से छुड़ाकर भी... ना चेहरे में शिकन कोई ना दिल में अफसोस लिए बड़े मासूम और अनजान बने मुस्कुराते हैं। (स्वरचित) :- तारा कुमारी (कैसी लगी आपको यह कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।) More poems you may like:- 1) एक फरेब 2) थोड़ा और की चाह 3) सीख रही हूं मैं 4) रिश्ते टूटे नहीं हैं 5) प्यार मोहब्बत इश्क़
एक फ़रेब(हिंदी कविता)/ Ek Fareb(Hindi poem) एक फ़रेब अगर कोई तुमसे बच रहा हो तो परेशान ना हो। सोचो...अच्छा हुआ, तुम बच गए, एक फ़रेब से। । (:- तारा कुमारी) (कैसी लगी आपको यह कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।) More poems you may like:- 1) रिश्ते टूटे नहीं हैं 2) प्यार मोहब्बत इश्क़ 3) मत भूलना 4) पढ़ लो 5) अगर वो नहीं तो क्या हुआ