पतझड़ / patjhad / autumn / fall


POETRY in HINDI - विविध अभिव्यक्ति।

लेख :-(by Tara kumari)

Date :-02/04/2022


पतझड़ (patjhad) :-


पतझड़ / autumn / fall

जानें :- पतझड़ का क्या अर्थ है? 

पतझड़ का अर्थ :- पत्तों का गिरना या झड़ना।

शिशिर ऋतु में , जब पेड़ों / वृक्षों से  सारी पत्तियां एक एक कर गिरने लगती हैं और वृक्ष, पत्ती विहीन हो जाते हैं, उसे पतझड़ कहते हैं।

पतझड़ का मौसम :- 

          शिशिर ऋतु में वृक्षों की पत्तियां झड़ती हैं, विक्रमी संवत के अनुसार यह  माघ और फाल्गुन के महीने में आता है।
         पतझड़ के बाद ही बसंत ऋतु का आगमन होता है।

       उत्तर भारत तथा सम शीतोष्ण क्षेत्रों में  पतझड़ का मौसम , शरद ऋतु में होता है।

      शरद ऋतु , चार शीतोष्ण ऋतुओं में से एक है।
यह वर्ष की तीसरी ऋतु है जो गर्मी और शीत ऋतु के बीच आने वाली ऋतु है,  और यह उत्तरी गोलार्ध में 21 सितंबर से 21 दिसंबर तक होती है।
         

(i) British English( ब्रिटिश अंग्रेजी) में इसे कहते हैं- Autumn( ऑटम).


(ii) American English(अमेरिकन अंग्रेजी) में कहलाता है - Fall (फॉल).

 पतझड़ के मौसम की विशेषता :-

        पतझड़ के मौसम में हवा काफी रूखी होती है और यह अपने आस - पास की प्रत्येक वस्तुओं की नमी का अवशोषण कर रूखी बना देती है।वृक्षों के पत्ते भी इस मौसम में सूखकर झड़ने लगती हैं और पेड़ पत्ते विहीन हो जाते हैं।हर तरफ वृक्षों के नीचे  भूमि पर पत्ते गिरे हुए दिखाई देते हैं।पेड़ ठूंठ में बदल जाते है तथा वैभवहीन दिखाई देने लगते हैं।

      और ठीक इस पतझड़ ऋतु के विपरीत,जब पतझड़ के बाद बसंत ऋतु का आगमन होता है तो चारों ओर वृक्षों में हरियाली का संचार हो जाता है।हरे भरे ताजे नए पत्तियों से पेड़ ढंक जाते है। दृश्य मनोहारी हो जाता है।प्रकृति खिल जाती है।यह ऋतु नवीकरण,कायाकल्प,पुनर्जन्म आदि विचारों को संदर्भित करती है।

      लेकिन , जिस तरह रात - दिन का चक्र होता है।अंधेरा और उजाला का एक विशेष क्रम होता है,जीवन में सुख - दुख की भी आवाजाही होती है। प्रकृति में ये पतझड़ ऋतु भी बसंत ऋतु से एक नवीकरण या पुनर्जन्म का संबंध रखती है।

      वृक्ष, बसंत ऋतु के आगमन के स्वागत के लिए मानों भूमि पर पीली,भूरी तथा कई रंगों में अपनी पत्तियों को बिछा देते हैं।यदि वृक्ष के या प्रकृति के इस अंदाज को देखें तो यह हमें पर्यावरण में होने वाले बदलाव को दिखाते हुए हमारे जीवन में  होने वाले बदलाव के प्रति सकारात्मक और सदैव आशावादी विचारों को धारण करने की प्रेरणा भी देती है।

साथ ही , नकारात्मक या कठिन परिस्थितियों में भी हमेशा अच्छी घटना के घटित होने की आशा और धैर्य का संबल का उदाहरण है ये पतझड़ का मौसम।


पतझड़ के पर्यायवाची शब्द :-
पतझड़, पतझार, पतझर,शिशिर ऋतु , खिजां ।

 
इसे भी पढ़ें :-
     अंत में पतझड़ के मौसम पर एक छोटी सी कविता प्रस्तुत है :-

"पतझड़ का मौसम " पर कविता/ patjhad ka mausam par kavita/ patjhad par kavita/ Poem on autumn/ fall ( Poem in hindi) :- 

पतझड़ का मौसम पर कविता

-------- पतझड़ का मौसम --------

झरते हैं पत्ते ,पतझड़ में
नई कोंपल के इंतजार में।

है खाली अब हर कोना दरख़्त का
बिखरी है जिंदगी बहती हवा के रुख में।

हां, तन और मन में टीस उठती है
अपनों के मिलन की आतुरता में।

जी घबराता है किसी अनहोनी से
पर कब तक नीर बहाएं एक ही गम में!

जिनको होता है साथ निभाना 
हाथ नहीं छुड़ाते कभी किसी अंधियारे में।

दुख की बदली छाई है, अभी तो क्या
मुस्काएंगे लेकिन हम इसी क्षण में।

एक आंधी ने मचाई है कोलाहल मन में
पर उम्मीदों का दीया जल रहा है तूफ़ान में।

क्या हुआ अगर कुछ रूठ गए तो,
खुशियां कम नहीं हैं अब भी दामन में।


:- तारा कुमारी

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विविध अभिव्यक्ति ( कहानी ,लेख आदि):-

मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।

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April 02, 2022
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