POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
नेह की एक बूंद
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चलते - चलते बस चलते ही रह गए,
ना सफर थमी न मंजिल मिली।
ख्वाब देखा जगमगाते सितारों की,
ना जुगनू हाथ आए न रोशनी मिली।
आरजू थी बहारों का एक चमन मिले,
ना खुला आसमां मिला न जमीं मिली।
प्यासा था अंतर्मन नेह की एक बूंद के लिए,
ना कोई समंदर मिला न कोई बारिश मिली।
भावनाओं के भंवर में कैद होते चले गए,
ना कोई दरवाजा मिला न कोई खिड़की मिली।
तन्हा,अश्कों में दर्द को घोलते रहे हर शाम
ना सुकून की मौत मिली न जिंदगी मिली।
टीस उठती रही सीने में लहरों की तरह
ना साहिल मिला न कोई कश्ती मिली।
जब भी लगा कि तलाश पूरी हो गई
जख्म और गहरा, और आस टूटी मिली।
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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