POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
दिल मेरा यूं छलनी हुआ - हिंदी कविता / Dil mera yun chhalni huwa - Hindi poem
दिल मेरा यूँ छलनी हुआ
तेरे पहलू में आकर भी चैन ना मिलातलाश थी राहत की
दिल के बोझ को तुझसे बांट कर
कम करने की
रोये हम तेरे बाजुओं में टूट कर
फिर भी दिल को आराम ना मिला
जो तेरे अंदर मेरे लिये शक़ से हम हुए रूबरू
सुकून ए दिल और कहीं ज्यादा गुम हुआ
ग़म के बोझ को सहा ना गया हमसे
दिल मेरा यूँ छलनी हुआ..
जो टूट कर बिखरे ऐसे
कि दोबारा हमसे खुदको समेटा ना गया।
ख्वाहिश थी चमन में
खुशबू बन कर महकने की,
सौ टुकड़ों में बांट कर
कागज के पुलिंदों की तरह
आसमां में बिखेरा गया..!
(स्वरचित)
:-तारा कुमारी
(स्वरचित)
:-तारा कुमारी
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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