POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। Guest post :- मैं प्रकृति सुंदरी हूं - हिंदी कविता/ main prakriti sundari hun - Hindi poem. अम्ब...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
मैं प्रकृति सुंदरी हूं - हिंदी कविता/ main prakriti sundari hun - Hindi poem.
अम्बेडकरनगर ,उत्तरप्रदेश से रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी की कविता:-
मैं प्रकृति सुंदरी हूं ~~~~~~
मनोरम मनोहर, छंटा वादियों की
सजी दुल्हन जैसी,प्रकृति सुंदरी हूं।
धजी हूं
बनी हूं
ठनी हूं
मन मोह लेती
सभी अजनबी की,
नीले गगन में
धरा पर मैं फैली
धरती गगन बीच
की, मैं परी हूं।
सजी दुल्हन जैसी
प्रकृति सुंदरी हूं।
हरी हूं
भरी हूं
मनोरम
झड़ी हूं
फैली हूं बनकर
मैं मन की मनोहर
कभी वादियों में
कभी पर्वत घाटी,
कभी बाग उपवन
की, मंजरी हूं।
सजी दुल्हन जैसी
प्रकृति सुंदरी हूं।
यहां हूं
वहां हूं
मैं सारे
जहां हूं
कभी हूं प्रीतम
कभी प्रीतमा में
कभी बहती नदियों
की कल कल सी ध्वनियां
कभी मंद मलया
पवन, बह चली हूं।
सजी दुल्हन जैसी
प्रकृति सुंदरी हूं।
बुरी हूं
भली हूं
खड़ी हर
घड़ी हूं
कभी बनके पतझड़
कभी बन बसंती
कभी बंद मकरंद
हूं कोंपलों में
कभी फूल कलियों
में खुशबू भरी हूं।
सजी दुल्हन जैसी
प्रकृति सुंदरी हूं।
नरम हूं
गरम हूं
मैं सक्षम
सुगम हूं
कभी उठती धारा
कभी हूं समंदर
कभी गिरती निर्झर
सी हूं पर्वतों से
कभी बनके पावन
मैं गंगा चली हूं।
सजी दुल्हन जैसी
प्रकृति सुंदरी हूं।
विविध हूं
सुविध हूं
मैं उत्तम
सुनिधि हूं
कभी ज्ञान विज्ञान
मन की हूं मंथन
कभी बनके सूरज
कभी शीतल चंदा
सदा के लिए मैं
रहस्य से भरी हूं।
सजी दुल्हन जैसी
प्रकृति सुंदरी हूं।
~~~~~~~
रचनाकार -
रामबृक्ष बहादुरपुरी
(अम्बेडकरनगर ,यू पी )
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