POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
(Hindi poem - Mitra / हिंदी कविता - मित्र)
मित्र
मित्र वही जो खुल कर बोले
हिय की बात भी मुंह पर खोले
नहीं छुपाए कोई बात
देता हर सुख दुख में साथ
प्यार का मधुरस दिल में घोले,
मित्र वही जो खुल कर बोले।
हर दुःख को वह अपना,समझे
बात बड़ी हो पर ना उलझे
मन पर लाए बिन कोई बात
रहता है वह सुलझे सुलझे
मित्र मित्र को मन से तोले
मित्र वही जो खुल कर बोले।
सदा सही को सही बताए
गलत गलत में ना उलझाए
सच्चा साथी सदा का मीत
बन कर सच्ची राह दिखाए
होके निश्छल मन के भोले
मित्र वही जो खुल कर बोले।
हाथ बढ़ाता साथ निभाता
कदम मिलाकर चलता जाता
ना थकता ना थकने देता
मंजिल का वह राह दिखाता
राज दिलों का खुल कर बोले,
मित्र वही जो खुल कर बोले।
रचनाकार -
रामबृक्ष बहादुरपुरी
(अम्बेडकरनगर ,यू पी )
विविध अभिव्यक्ति ( कहानी ,लेख आदि):-

Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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