POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
(Short-Hindi poem - kyun tumhen hai mujhse prem itna / हिंदी कविता - क्यों तुम्हें है मुझसे प्रेम इतना?)
प्रेमी से प्रेमिका ने पूछा -
क्यों तुम्हें है मुझसे प्रेम इतना?
प्रेमी ने कहा - मेरे दुख हर लेती हो तुम,मुझे सुनकर ही।
टूटे हृदय को भी जोड़ लेती हो तुम,मेरे हाथों को छूकर ही।
इसलिए, चाहता हूं मैं तुमको प्रिये।
पलटकर जब प्रेमी ने वही प्रश्न किया प्रेमिका से।
अथाह चाहतों से भरी आंखों से देखते हुए
होंठों पर हल्की सी मुस्कान लिए हुए
प्रेमिका ने जवाब दिया - तुम्हारी खुशी में खुश रहना
और दुख में दुखी होना,मुझे अच्छा लगता है
इसलिए प्रेम है तुमसे।
तुम्हारे सुख - दुख को बांटना मुझे सुकून
देता है प्रिये,
इसलिए प्रेम है तुमसे।।
~~~~~
:- तारा कुमारी
(कैसी लगी आपको यह कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)
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विविध अभिव्यक्ति ( कहानी ,लेख आदि):-

Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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