मैं मिट्टी का दीपक हूं Mai mitti ka deepak hun - a hindi poem

 

POETRY IN HINDI  :- कविताओं का संकलन।

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Mai mitti ka deepak hun

Hindi poem - Mai mitti ka deepak hun / हिंदी कविता - मैं मिट्टी का दीपक हूं ।

अम्बेडकरनगर ,उत्तरप्रदेश से रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी की कविता:-

मैं मिट्टी का दीपक हूं 

नील गगन का तेज चमकता

ना तपता मैं सूरज हूं,

ना सहनशील ना हूं विशाल  

ना धरती का धीरज हूं। 


ऊॅंची ऊॅंची लहरों वाला

नही असीमित नीरधि हूं,

गगन चूमती पर्वतमाला

नही देव की क्षीरधि हूं। 


नहीं क्षितिज सा धरा गगन का

आलिंगन अभिनंदन हूं

नहीं किसी भी तेज भाल पर

शीतलता का चंदन हूं। 


ना मेरा पहचान बड़ा है

ना ज्योतिष ना ज्ञानी हूं,

ना प्रतीक ना चिह्न किसी का

ना मैं प्रेम निशानी हूं। 


हर छोटे मजबूर घरों का

जीवन-आशा-रूपक हूं, 

पड़ा हुआ कोने में जलता

मैं मिट्टी का दीपक हूं। 

~~~~~

रचनाकार -

रामबृक्ष बहादुरपुरी

(अम्बेडकरनगर ,यू पी )

    मो. न.- 9721244478


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मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।

hope
August 23, 2023
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