POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। (बारिश का मौसम हो और पानी से भरे गलियां,रास्ते,मैदानों आदि में यदि बच्चे अपने हाथों से बनाए का...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
(बारिश का मौसम हो और पानी से भरे गलियां,रास्ते,मैदानों आदि में यदि बच्चे अपने हाथों से बनाए कागज़ के तरह तरह के नावों के साथ अपना बचपन नहीं जी रहे हों, तो वो बचपन ही क्या है? कागज के नावों के साथ छोटे- छोटे बच्चों के चेहरे की खुशियां हीरे मोतियों की चमक से कहीं बढ़कर होती हैं। आज के दौर में यह सुंदर दृश्य आधुनिकता और शहरी संस्कृति में लगभग विलीन ही हो चुकी है। इसके साथ ही इस बाल कविता में जीवन की अन्य कई अनमोल सीख भी छुपी है जिसे आप सब पढ़कर स्वयं ही खुद से जोड़ लेंगे और महसूस करेंगे। इन्हीं आशाओं तथा विश्वास के साथ और बचपन की अनमोल यादों को शब्दों में उकेरती ये बाल कविता आप सबके समक्ष प्रस्तुत है।) कागज के नाव - हिंदी बाल कविता /kagaz ke naav- Hindi baal poem
कागज के नाव
प्यारी दादी, देखो - देखो मेरी नाव
ये छोटी, बड़ी, और ये लंबी नाव
एक नाव में है थोड़ी लकड़ी
और थोड़ी सी है मिट्टी,
दूसरे में ,लंबी- सी पतवार
और है एक प्यारी सी चिट्ठी।
पानी की धार में
झूमती इठलाती है नाव ,
इधर नन्हे चुनमुन के हैं
इतराते दोनों पांव ।।
आसमान में तभी दूर
चम चम बिजली चमकी,
पर आंखें तो चुनमुन की हैं
बस नाव पर ही अटकी ।
देख दादी मुस्काई बड़े प्यार से
सर पर हाथ फेरती बोली दुलार से,
इन नावों को अब बहने दे आगे
हवा के झोंके में नाव तेजी से भागे।
तभी बड़ी नाव ने ली करवट
अरे,ये क्या हुआ! नाव गई उलट,
लंबी नाव हुई भीग कर देखो बेदम
छोटी नाव दिखा रही है अब भी दमखम।
मचल पड़ा चुनमुन ये नजारा देख
बारिश ने दिया ये, अनोखा खेल!
रिमझिम वर्षा की बूंदें पड़ने लगी
चुनमुन को अब है, तेज भूख लगी।
चल बेटा अब घर,हो गई शाम
करेंगे नाव भी अब जरा आराम,
पकड़ के शान से दादी का हाथ
चल पड़ा चुनमुन,दादी के साथ।।
:- तारा कुमारी
(कैसी लगी आपको यह बाल कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)
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