POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
(Short-Hindi poem - khwahish wo meri / हिंदी कविता - ख्वाहिश वो मेरी)
ख्वाहिश वो मेरी
ख्वाहिश वो मेरी
ख्वाहिश ही रह गई...
कि कोई मुझे मना लेता हौले से
बिना बहस किए बड़े नजाकत से
मेरी नाराजगियों में मुझे
तो कभी मेरी गलतियों में भी
तो कभी मेरी
बेवजह की जिद में
तो कभी मेरी
एक मुस्कान के लिए ही।
मुझे मना लेता कोई...
ख्वाहिश वो मेरी
ख्वाहिश ही रह गई।
~~~~~
:- तारा कुमारी
(कैसी लगी आपको यह कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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