POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
(सिंहनीवाला)देहरादून, उत्तराखंड से रचनाकार - सुखदेव प्रसाद गौड़ की कविता :-
होली
चहक चहक कर चिड़िया बोली,आई कितनी प्यारी होली;
रंग - बिरंगी दुनिया सारी, लाए रंग भरी पिचकारी।
खेलें - कूदें ,नाचे - गाएं,मिलकर सबको गले लगाएं;
प्यार भरा त्योहार है अपना,मिलकर खुशी लुटाएं।
कुछ तो मिलकर बांट रहे थे , हंसी -खुशी ,दुख - दर्द को अपना;
माया नगरी में कुछ अपना,देख रहे थे मीठा सपना।
आकर कोई मुझे जगाया,मैं था गहरी नींद में सोया;
रंग लगाया ,गले लगाया और सबने त्योहार मनाया।
आंख खुली तो फोन भी अपना, अलार्म बजा रहा था;
घर में कोई अपना भी त्योहार मना रहा था।
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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