नई डगर Nayi dagar - a Hindi poem

 

POETRY IN HINDI  :- कविताओं का संकलन।

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Nayi dagar new road poetry in hindi

(सिंहनीवाला)देहरादून, उत्तराखंड से रचनाकार - सुखदेव प्रसाद गौड़ की कविता।


नई डगर

मन भी कितना है चंचल,
ख्यालों में डूबा है अंचल
बन जाऊं भावों का सागर,
करूं ये मन को निश्छल।

मन में उठती नई है चाह,
हिलोरें लेते नए हैं भाव,
आसान नहीं है डगर नई,
मिली स्वत: यूं नई है राह।

मन में उठते कई विचार,
अनसुलझे रहस्यों का सार,
चला सागर में मोती बिनने,
तू ही लगाए नैया पार।

यूं तो अब भी बना सवाल,
क्या होगा आगे का हाल,
नीड़ांचल में बैठी चिड़िया,
पतझड़ में सूखी है डाल।

अब तो जो भी हो अंजाम,
वही बनाए बिगड़े काम,
कदम बढ़े मंजिल की ओर,
हासिल करना है मुकाम।

नई डगर पे पथिक चला है,
कांटों में भी फूल खिला है,
शिरोधार्य अब आज्ञा उसकी,
कृपा सिंधु उमड़ पड़ा है।

क्या सोचूं क्या लिखूं मैं सार,
जाना है भवसागर पार,
मेहनत इतनी करूं है ख्वाहिश,
खुशियां मिले अपार।

जन-जन तक मेरा संदेश,
नई डगर खुशियों की रेस,
स्फूर्ति भरा निरोगी जीवन,
सुख - शांति का हो परिवेश।

:- रचनाकार - 
सुखदेव प्रसाद गौड़
मो. नं. -7085701565

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