शून्यता shunyata - a Hindi poem

POETRY IN HINDI  :- कविताओं का संकलन।

शून्यता - हिंदी कविता / Shunyata - Hindi poem

(जीवन में ऐसे भी अवस्था से हम रूबरू होते हैं जब हम खुद को शून्य महसूस करते हैं।बाहर से शांति तो होती है लेकिन अंतर्मन में हर क्षण उथलपुथल रहती है।कुछ इन्हीं भावों के साथ ये छोटी सी कविता प्रस्तुत है...)
Shunyata


शून्यता


समय की सुई
चलती रहती है, 
जीवन में रंग भरते
और

बिखरते रहते हैं।


चहुँ ओर हवा बहती रहती है

सब कुछ चलायमान होता है

फिर भी,

एक स्थिरता कहीं 

विराजमान रहती है...


जब जीवन के किसी हिस्से में 

खालीपन रह जाता है
गतिमान भी
थमी सी तब लगती है,

हृदय में जब शून्यता

घर कर जाती है।


जब प्रकाश और अंधकार

एक हो जाता है,

हर्ष और विषाद में 

अंतर धुंधला जाता है,

तब खामोशी ही हृदय की

बोलती भाषा बन जाती है।

~~~~~

:- तारा कुमारी

(कैसी लगी आपको यह कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)

विविध अभिव्यक्ति ( कहानी ,लेख आदि):-









मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।

life poem
February 04, 2024
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