दिल मेरा यूँ छलनी हुआ Dil Mera yun chhalni huwa - Hindi poem

POETRY IN HINDI  :- कविताओं का संकलन।

दिल मेरा यूं छलनी हुआ - हिंदी कविता / Dil mera yun chhalni huwa - Hindi poem

Dil mera yun chhalni huwa

दिल मेरा यूँ छलनी हुआ 

तेरे पहलू में आकर भी चैन ना मिला
तलाश थी राहत की

दिल के बोझ को तुझसे बांट कर
कम करने की

रोये हम तेरे बाजुओं में टूट कर
फिर भी दिल को आराम ना मिला

जो तेरे अंदर मेरे लिये शक़ से हम हुए रूबरू
सुकून ए दिल और कहीं ज्यादा गुम हुआ

ग़म के बोझ को सहा ना गया हमसे
दिल मेरा यूँ छलनी हुआ..

जो टूट कर बिखरे ऐसे
कि दोबारा हमसे खुदको समेटा ना गया।

ख्वाहिश थी चमन में
खुशबू बन कर महकने की,

सौ टुकड़ों में बांट कर 
कागज के पुलिंदों की तरह
आसमां में  बिखेरा गया..!

(स्वरचित)
:-तारा कुमारी

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June 09, 2020
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