यकीन yakin - Hindi poem

    

यकीन 

यकीन - तीन अक्षरों से बना यह शब्द
इस के हैं खेल निराले 
कभी यकीन कर कोई खिल गया
तो किसी के जीवन में पड़ गए शून्य 
धोखे मिले हजार कभी
कभी सौगात खुशियों की 
कभी दोस्त बना दे पल में
कभी लगा दे हजार पहरे 
जब रूठ जाती है यह
बिखर जाता है सब पल में
यकीन जब वास करती है मन में 
सब कुछ खिल जाता है जैसे पल में
अजीब है दास्ताँ यकीन का 
नहीं दिलाना पड़ता यहां यकीन नफरत का
मगर हैरत है, सबूत मांगते लोग मोहब्बत का
एक वक्त वह था
जब जादू पर भी यकीन था 
एक वक्त यह है 
जब हकीकत पर भी शक है
अगर करना ही है यकीन 
तो कर खुद पर यकीन तू 
ना टूटेगा तू कभी, ना रूठेगा तू 
हिम्मत जो कभी कम हुई
तो उठ खड़ा होगा फिर तू
रख विश्वास खुद पर - 
है यही रास्ता, नहीं रहेंगे सपने अधूरे
मिलेगी मंजिल तुझे, ख्वाब होंगे सारे पूरे|

(स्वरचित) 
:-तारा कुमारी

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मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।

Poem
May 07, 2020
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