Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन। Guest post :- रिश्तों में चोरी - हिंदी कविता /Rishton mein chori - poem in Hindi. दिल्ली से विवेक शर्मा...
Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन।
Guest post :-
रिश्तों में चोरी - हिंदी कविता /Rishton mein chori - poem in Hindi.
दिल्ली से विवेक शर्मा की लिखी एक सुंदर कविता :-
---- रिश्तों की चोरी ----
कल मेरे घर में चोरी हुई थी,
कोई विश्वास का दरवाज़ा तोड़,
दिन दहाड़े आया था ।
भरोसे की अलमारी से ,
उसने सारे अहसास चुरा लिए ।
प्रेम के पर्स में से उसने,
ग़ैरत के नोट उठा लिए।
कोई जाना पहचाना रहा होगा,
क्योंकि उसे हर जगह पता थी।
ना लाज़ अपनी जगह मिली,
उम्मीद भी लापता थी ।
शर्म-ओ-हया के ज़ेवर ग़ायब थे ,
जीवन मूल्यों के गहने ग़ायब थे।
यक़ीन की जमापूँजी भी चुरा ले गया वो,
सभ्यता की मुद्रा भी उठा ले गया वो।
ख़ैर हमारे पास ये दौलत,
फिर से अर्जित हो जाएगी।
चोरी जिसने की, भला ये चीजें
उसके काम क्या आएँगी ???
:-विवेक शर्मा
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