Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन।
रूठे बैठे हो क्यों? (हिंदी कविता) Ruthe baithe ho kyon ? ( Hindi poem)
(हम अक्सर छोटी बड़ी बातों पर कई बार अपनों से या दोस्तों से नाराज़ होकर रूठ जाते हैं। और उम्मीद करते हैं कि हमें मनाया जाए।
जब लोग या हमारे अपने हमें मनाते हैं तो खुदको बहुत खास महसूस करते हैं। हम उनसे और ज्यादा जुड़कर उनके करीब हो जाते हैं।ये हमें खुशी देती है।लेकिन यदि जिससे उम्मीद करते हैं कि वो हमें मनाए।यदि वो ही हमें अनदेखा करे तो हम भावनात्मक रूप से अधिक घायल महसूस करते हैं।
ऐसे में क्या किया जाए?जिससे हम खुश रह सकें।कुछ ऐसी ही भावनाएं समेटते हुए ये कविता प्रस्तुत है -
रूठे बैठे हो क्यों?
रूठे बैठे हो क्यों?
आंखें उदास हैं क्यों?
किसी की राह ताक रहे हो क्या?
अपना दिल जला रहे हो क्यों?
रूठा तब जाता है..
जब कोई मनानेवाला हो।
गर ना हो कोई
मनाने वाला तो,
फ़िक्र ना कर ऐ दोस्त
बस रूठना छोड़ दे
और
तनिक भी गम ना मना बीती बातों का।
जीवन जीभर कर
जीने का नाम है,
अंधेरे कोने में छुपकर
आंसू बहाने का नहीं।
खुदको दे दो एक नया मोड़
मुश्किलों की तो लगी होती है होड़।
गांठ बांध ले तू , बस एक बात पते की
हर तरफ हैं खुशियां तेरे लिए।
गर गम मिल जाए तो लगा ले गले,
और झूम ले मस्ती में।
बेशक, देख लेना...
नाम लिखा मिलेगा तुझे
अपनी, हर कश्ती में।
:- तारा कुमारी
(कैसी लगी आपको यह कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)
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1)सपने
विविध अभिव्यक्ति ( कहानी ,लेख आदि):-

Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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December 13, 2020
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