POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
चुप रहना (हिंदी कविता) / Chup rahna ( Hindi poem)
अयोध्या ( उत्तर - प्रदेश ) से कवियित्री गरिमा सिंह की कविता।
चुप रहना....
कुछ भी न कहना
सही तो है,
उन तमाम जिरहों से
जो होती है
तुम्हें खोती है।
बहसों के पत्थर
फेंक दिए जाते हैं
तुम्हारी चुप्पी पर ।
तुम अब भी बने हो बुत
जो टूटेगा
चुप्पी नहीं तोड़ेगा ।
चुप रहना तब भी
ज़ब बगल में लड़ रहे हों लोग,
मन में दबा हो तूफान
उखाड़ देना चाहता हो
आस पास हथियारों से
लैस सेनाओं को ।
चीख कर खड़ा होना चाहता हो
उस युद्ध के खिलाफ
जो अंतर्मन में लड़े जा रहे हैं।
चुप रहना तब भी
ज़ब तुम्हारे शब्दों से
टूट सकती है साजिशें
तोड़े जा सकते हैं पाश ।
चुप रहना तब हो सकता है खतरनाक
क्योंकि बोल उठेंगे बुत
तुम्हारे सामने होंगे खड़े,
वो पाश वो साजिशें
तोड़ेगी तुम्हारी चुप्पी
सब कुछ बदलकर
जिरहों से डरकर ।।
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(by Garima Singh.)
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
Bahut pyare shabdon ka chayan kiya hai aapne ati uttam
ReplyDeleteAapki Kavita ATI Uttam hai or Shabdon ka chayan bohot hi acche se kiya hai
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