Poetry in hindi (कविताओं का संकलन)
ब्लैक होल - हिंदी कविता / Black hole -Hindi poem(poetry in hindi)
अयोध्या(उत्तर-प्रदेश) से गरिमा सिंह की कविता।
ब्लैक होल
सब कुछ समझ नहीं आता
हर पल कुछ फिसलता है
वक़्त के आगोश मे,
कोई शोर मन को परेशान
करता है, कुछ बनता है,
कुछ रोज मिटता है,
टूटता है, जुड़ता है
रौंद कर निकल जाता है
आगे, जहाँ मैं नहीं रहती,
तुम भी नहीं होते,
वो जगह भी
खुद को नहीं रख पाती
सही जगह,
सब कुछ पकड़ मे
कहां आता है,
कुछ रोज छूट जाता है,
कुछ छोड़ा जाता है,
यही खालीपन भरने के
लिए सब भाग रहे, और भागते
रहेंगे, क्यूंकि यह" ब्लैक होल "
ही है, जहाँ से कुछ भी वापस
नहीं आता, प्रकाश भी नहीं,
फिर चाहे वह विचारों का हो
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
बेहतरीन रचना, भाव पूर्ण शब्द संयोजन 👍👍👍👍👍👍👌👌
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