Guest post :-
तेरा चेहरा(हिंदी कविता)/Tera chehra - A Hindi poem
गोपालगंज,बिहार से परवेज़ आलम की कविता :-
तेरा चेहरा
अगर तुम्हें कुछ दोबारा कहना था
कह देते तेरा मेरे सांसों पर पहरा था।
ना हुए मेरे तो कोई रंज न रहा
अपने दामन पे जिद्दी दागों का एक सेहरा था।
अफवाहों का क्या ये तो उड़ती रहती हैं
तुम रहते हमारे साथ अगर तुम्हें रहना था।
तेरी उलझन मुझे खाए जाती है अक्सर
अब वो दवा काम करती नहीं जिसे काम करना था।
इश्क टूटा तो मोहब्बत का अंदाजा लगा
मेरे पास आज भी तेरा चेहरा है,
कल भी तेरा चेहरा था।
(स्वरचित)
:- परवेज़ आलम
गोपालगंज, बिहार।
( कैसी लगी आपको यह गीत/कविता? जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)
More poems you may like from poetry in hindi :-

Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
Related Posts
Heart broken poem
December 18, 2021
0
Comments
Post a Comment