Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन।
सरहुल का त्यौहार / सरहुल पर्व पर कविता - हिंदी कविता।
Sarhul ka tyohaar/Sarhul parv - Hindi poem
सरहुल का त्यौहार / सरहुल पर्व पर कविता - हिंदी कविता।
हरे हरे सरई पत्ते चमकते हैं,
सफेद फूल के गुच्छ भी दमकते हैं।
देख प्रकृति की मनमोहक हरियाली ,
बच्चे, स्त्री - पुरुष सबके मन प्रफुल्लित होते हैं।
पतझड़ साथ ले गई थी सबके दुख,
अब देखो, बसंत लेकर सुख आई है।
जंगल भी समृद्ध होकर इतरा रही है,
कोयल भी हर्षित कूक रही है।
मंजर लग गए आंबा की डाली में,
देखो, चेहरे की खुशी हसीं ठिठोली में।
लाल पाड़ की साड़ी है ओजपूर्ण,
सफेद रंग शालीनता की निशानी है।
सरना स्थल की शोभा बढ़ा रही है जो
वो झंडा, लाल सफेद पट्टी वाली है।
जहां बीचों बीच सखुआ के फूल सजते हैं
मां सरना,मां चाला ,धर्मेश की कहानी है।
दुनिया को मानवता और भाईचारा ,
प्रकृति की रक्षा करना सिखलाती है।
ये सरहुल, हर वर्ष वसंत में आती है।
नववर्ष की सौगात झोली में भर जाती है।।
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:- तारा कुमारी
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
Bahut Sunder Kavita...
ReplyDeleteThanks.
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