Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन। सरहुल का त्यौहार / सरहुल पर्व पर कविता - हिंदी कविता। Sarhul ka tyohaar/Sarhul parv - Hindi poem प्रकृ...
Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन।
सरहुल का त्यौहार / सरहुल पर्व पर कविता - हिंदी कविता।
Sarhul ka tyohaar/Sarhul parv - Hindi poem
सरहुल का त्यौहार / सरहुल पर्व पर कविता - हिंदी कविता।
हरे हरे सरई पत्ते चमकते हैं,
सफेद फूल के गुच्छ भी दमकते हैं।
देख प्रकृति की मनमोहक हरियाली ,
बच्चे, स्त्री - पुरुष सबके मन प्रफुल्लित होते हैं।
पतझड़ साथ ले गई थी सबके दुख,
अब देखो, बसंत लेकर सुख आई है।
जंगल भी समृद्ध होकर इतरा रही है,
कोयल भी हर्षित कूक रही है।
मंजर लग गए आंबा की डाली में,
देखो, चेहरे की खुशी हसीं ठिठोली में।
लाल पाड़ की साड़ी है ओजपूर्ण,
सफेद रंग शालीनता की निशानी है।
सरना स्थल की शोभा बढ़ा रही है जो
वो झंडा, लाल सफेद पट्टी वाली है।
जहां बीचों बीच सखुआ के फूल सजते हैं
मां सरना,मां चाला ,धर्मेश की कहानी है।
दुनिया को मानवता और भाईचारा ,
प्रकृति की रक्षा करना सिखलाती है।
ये सरहुल, हर वर्ष वसंत में आती है।
नववर्ष की सौगात झोली में भर जाती है।।
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Bahut Sunder Kavita...
ReplyDeleteThanks.
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