Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन।
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नारी पर हिंदी कविता / Naari(Women) - poem in Hindi
दिल्ली से विवेक शर्मा की "नारी" पर एक सुंदर कविता :-
नारी-----
जो स्वयं पूर्ण है, वही पूर्णता का सृजन करता है,
एक नारी की कोख़ से, जीव इसलिए जीवन धरता है ।
ममता, प्रेम, वात्सल्य भाव जिसकी सहज प्रकृति हो,
वह ईश्वर के समकालीन, पूजन का स्थान रखता है ।
चंचल मन में स्थिरता को , जो स्थापित कराती है ,
नारी हृदय में क्षमा व संतोष स्वतः निवास करता है ।
वह निश्छल, निस्वार्थ भाव से ज़ीव का भार उठाती है,
उसके होने से परिवार , प्रेम की डोर से बंधता है ।
मानवीय रूप में देवी यदि हम उसमें देख पाते नहीं ,
हमारी ही त्रुटि है इसमें , हमारी ही अनभिज्ञता है ।
मैं प्रेम रस का पान करूँ या ममता का सत्कार करूँ ,
नारी का जब सम्मान करूँ , जीवन सार्थक तभी बनता है।
मनुष्य,
मानव तब ही बनता है ।।
-: Vivek Sharma
Delhi.
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विविध अभिव्यक्ति :-
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March 09, 2022
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विवेकशील होना एक विलक्षण बात तो है परन्तु खुद ही विवेक हो जाना विवेक के विकास की विलक्षणता की पराकाष्ठा से भी परे की बात हो गई है। ढेरों शुभकामनाएं व आशीष कि तेरा विवेक विकासशील रहे सदैव।
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