Short - story :-लक्ष्य को हरसंभव प्राप्त करने की प्रेरणा देती छोटी सी कहानी।
चुनौती / Chunauti - a short - story.
चुनौती
(हम अपने जीवन में प्रत्येक दिन अलग-अलग चुनौतियों का सामना करते हैं |और उस चुनौती का सामना हम किस प्रकार करते हैं, यह हम पर निर्भर करता है|आज ऐसे ही एक चुनौती के साथ स्वाति की कहानी आप सबके साथ साझा कर रही हूं|)
स्वाति की गोद में 9 माह का उसका पुत्र सौरभ बड़े चैन की नींद सो रहा था|वहीं स्वाति की नींद उड़ी हुई थी |
अगले ही महीने उसके पोस्ट- ग्रेजुएशन के प्रथम वर्ष की परीक्षा शुरू होने वाली थी| स्वाति का आधा वक्त कॉलेज में गुजरता तथा घर वापस लौटने पर सौरभ के देखभाल में बाकी वक्त गुजर जाता|
उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
पति दीपक से कोई खास मदद नहीं मिलती थी|सुबह जल्दी घर से ऑफिस के लिए वह निकल जाते तथा वापसी में देर शाम हो जाया करती| स्वाति घर के काम एवं बच्चे की देखभाल के साथ पढ़ाई भी करती|
स्वाति के लिए सौरभ की देखभाल जहां एक ओर अत्यंत महत्वपूर्ण था तो परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना उसका सपना भी था |
लेकिन समय का अभाव था| स्वयं की देखभाल भी माता होने के नाते आवश्यक था| इन सारी चुनौतियों से स्वाति जूझ रही थी|
एक दिन स्वाति इन्हीं उधेड़बुन में उलझी बैठी थी तभी उसे एक उपाय सूझा|
दूसरे दिन सुबह जब स्वाति के पति दीपक की आंख खुली तो उसे अचरज हुआ|उसके बेडरूम के पास वाले दीवार पर कुछ पेपर चिपके हुए थे |पास जाकर देखा तो उसमें स्वाति के हाथों से लिखे गए कुछ नोट्स थे जो उसकी परीक्षा से संबंधित थे |
दीपक ने कमरे से बाहर निकलते हुए वॉशरूम तक की दीवार में भी कई पेपर चिपके देखे |उसके बाद वह जहां भी गए रास्ते के हर दीवार पर पेपर चिपके मिले|रसोई घर में भी कई पेपर चिपके दिखे |ब्रश करने वाली जगह पर भी दो पेपर चिपके थे |
बाहर बरामदे में जब निकलकर दीपक ने देखा तो स्वाति बेटे को गोद में थपकी देते हुए सुला रही थी और सामने के दीवार पर चिपकी एक पेज पर स्वाति की नजर टिकी हुई थी |
यह देखते ही दीपक मुस्कुरा उठा| वह समझ चुका था कि स्वाति ने घर में रहते हुए सभी कामों को निपटाते हुए भी होनेवाली परीक्षा की तैयारी के लिए समय का सदुपयोग एवं समय प्रबंधन का ये अद्भुत तरीका ढूंढ लिया था |
हौले हौले प्रफुल्लित मुस्कान के साथ दीपक धीरे से स्वाति के पास पहुंचा और उसने प्यार से सौरभ के सर पर हाथ फेरते हुए स्वाति को देखकर कहा- तुम यह जंग अवश्य जीतोगी|बस हिम्मत और दृढ़ इच्छा शक्ति को बनाये रखना|
3 महीने बाद रविवार की सुबह... स्वाति के एक हाथ में अखबार और दूसरे हाथ में मोबाइल था |दीपक काम के सिलसिले में शहर से बाहर था |
स्वाति ने दीपक को फोन लगाया|और चहकते हुए परीक्षा में सफल होने की खुशखबरी सुनाने लगी |स्वाति को दीपक ने बड़े उत्साह और प्रसन्नता से बधाई दिया|
स्वाति की आंखों में खुशी और संतोष की चमक साफ दिखाई दे रही थी |आज इतने दिनों की जद्दोजहद और मेहनत रंग लाई थी और वह आज बड़ी इत्मीनान थी.. एक मन पसंद गाने को धीरे धीरे गुनगुनाते हुए स्वाति अपने घरेलू कामों को निपटाने लगी।
बाहर बरामदे में जब निकलकर दीपक ने देखा तो स्वाति बेटे को गोद में थपकी देते हुए सुला रही थी और सामने के दीवार पर चिपकी एक पेज पर स्वाति की नजर टिकी हुई थी |
यह देखते ही दीपक मुस्कुरा उठा| वह समझ चुका था कि स्वाति ने घर में रहते हुए सभी कामों को निपटाते हुए भी होनेवाली परीक्षा की तैयारी के लिए समय का सदुपयोग एवं समय प्रबंधन का ये अद्भुत तरीका ढूंढ लिया था |
हौले हौले प्रफुल्लित मुस्कान के साथ दीपक धीरे से स्वाति के पास पहुंचा और उसने प्यार से सौरभ के सर पर हाथ फेरते हुए स्वाति को देखकर कहा- तुम यह जंग अवश्य जीतोगी|बस हिम्मत और दृढ़ इच्छा शक्ति को बनाये रखना|
3 महीने बाद रविवार की सुबह... स्वाति के एक हाथ में अखबार और दूसरे हाथ में मोबाइल था |दीपक काम के सिलसिले में शहर से बाहर था |
स्वाति ने दीपक को फोन लगाया|और चहकते हुए परीक्षा में सफल होने की खुशखबरी सुनाने लगी |स्वाति को दीपक ने बड़े उत्साह और प्रसन्नता से बधाई दिया|
स्वाति की आंखों में खुशी और संतोष की चमक साफ दिखाई दे रही थी |आज इतने दिनों की जद्दोजहद और मेहनत रंग लाई थी और वह आज बड़ी इत्मीनान थी.. एक मन पसंद गाने को धीरे धीरे गुनगुनाते हुए स्वाति अपने घरेलू कामों को निपटाने लगी।
:- तारा कुमारी
More stories you may like:-
1. तमन्ना2.डायरी
3.जलेबी
4.कर भला तो हो भला
5. सपनों की उड़ान

Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
Related Posts
Short-story
May 17, 2020
1
Lovely story
ReplyDeleteRegards, Rajendra Singh