सफर और मंजिल safar aur manjil - hindi poem

 Poetry in hindi - कविताओं का संकलन।

सफर और  मंजिल( हिंदी कविता)  / Safar aur manjil ( Hindi kavita)

सफर और मंजिल journey of life


सफर और मंजिल


चाल अभी धीमी है,

पर कदम जाएंगे मंजिल तक जरूर।

हालात अभी उलझे हैं,

पर बदलेंगे मौसम,बिखरेगा हरसू नूर। 


हौसलों की कमी नहीं,

क़्त भले ना हो ज्यादा।

शह मात की खेल है जिंदगी,

मंजिल को पाने की, हम रखते हैं माआदा।


पलकें मूंद जाती हैं झंझावतों से,

रास्ते छुप जाते हैं काले बदली की छाँव में।

गुजरना ही होगा अंधियारे सूने गलियारों से,

आशियाना हो चाहे गांव या शहर में।


लक्ष्य जो बुन लिया है विश्वास के तागों से,

अब रुकना नहीं, न झुकना कहीं तुम सफर में । 

डगर ने चुन लिया है तुम्हें साहस के पदचिन्हों से,

धैर्य,सहनशीलता और जीत, होंगे सहचर तुम्हारे सहर में।।


:- तारा कुमारी

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मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।

Determination
January 27, 2022
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