वक़्त के सीने में (हिंदी कविता)/Waqt ke seene mein (Hindi poem)
(कालचक्र ने हमेशा ही संसार को नये नये दौर दिखाए हैं। इन परिस्थितियों में हम सब को हमेशा ही मिलकर भाई चारे का भाव लिए कठिन समय का सामना करने की आवश्यकता रही है।चाहे वह कोई प्राकृतिक आपदा हो या युद्ध जैसे विनाशकारी संकट हो।आज हम जिस समसामयिक संकट से जूझ रहे हैं उससे ओतप्रोत छोटी सी कविता प्रस्तुत है:-)
वक़्त के सीने में
हम बांधते हैं वक़्त को एक पैमाने में
कभी साल कभी दिन कभी महीने में
कई दौर गुजर जाते हैं वक़्त के सीने में
हम उलझे रहते हैं जन्म-मृत्यु के ज़ीने में
नहीं मज़ा है बेमतलब सुख चैन खोने में
क्यूं इंसान खुश नहीं है एक साथ होने में
दिन रात बिता देते है दूसरों को तौलने में
खुद भले ही हों बदनाम पूरे महकमे में
दुनिया को दिखाया है भविष्य,वक़्त ने आइने में
खड़ा है तू विकराल मुंह खोले मौत के दरवाजे में
कुछ ही फासला होता है जान गवाने में
अरसे निकल जाते हैं गुजर बसर जुटाने में
जान हलक में रख बीती है 2020 कोविड-19 में
आनेवाला वक्त थोड़ी मिसरी घोल जाए जीवन में
आओ जगा कर प्रेम भाव अपने मन के कोने में
लग जायें हम सब प्रकृति के हर अंश से जुड़ने में
रखें सावधानी हर जगह, घर, बाहर और भीड़ में
भूलो ना तुम अभी खतरा टला नहीं है दुनिया में
ये आपदा अगर आई है तो जाएगी भी..
कालचक्र से भला कोई कब बच पाया है!
होगी दर्ज ये काला पन्ना बनकर इतिहास में,
क्यूं न हम बनें...
साहस और एकजुटता की मिसाल,
सम्पूर्ण विश्व के जन मानस में।।

Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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hope
January 06, 2021
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