एहसास
जाने क्यूँ ये, एहसास है
तू दूर होकर भी पास है |
जाने क्या थी, तेरी मजबूरी
जो लिख दी यह दूरी|
कोई शिकवा नहीं, तेरे वास्ते
मान लिया, जुदा है मेरे रास्ते|
बस, आंखों में एक नमी - सी है
शायद ये, तेरी कमी है|
फिर भी..
जाने क्यूँ, ये एहसास है
तू दूर होकर भी, पास है|
EHSAAS Poem in Hindi
Jane kyun ye, ehsaas hai..!
Jane kyun ye, ehsaas hai..
Tu dur hokar bhi, paas hai.
Jane kya thi, teri majburi..
Jo likh di, ye doori.
Koi shikwa nahi, tere vaste..
Maan liya, juda hain mere raste.
Bas, aankhon me ek nami hai..
Shayd ye, teri kami hai.
Phir bhi..
Jane kyun,ye ehsaas hai..
Tu dur hokar bhi, paas hai.!!
(Written by Tara kumari)
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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April 02, 2020
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