बारिश की इक शाम Barish ki ek shaam - Hindi poem ( हिंदी कविता)
बारिश की इक शाम Barish ki ek shaam
रिमझिम - रिमझिम बूंदों की बरसात
आती है बांध अपने आंचल में प्रेम की सौगात
सर्द ठिठुरती हवा के झोंके
उस पर नर्म हाथों की छुअन
उष्णता देती सहज सौम्य स्पर्श..
बरखा के संगीतबद्ध स्वर में
सांसों के आती जाती स्वर लहरियों में
घुलमिल जाती है तब ये बारिश की शाम।
निर्मल जल से धूले चेहरे
भीगे केश और चमकते मुखड़े
राग मल्हार के गीत गाता हृदय
शब्दों के तार कहीं लुप्त हो जाते हैं,
खामोशियां और एहसास ही तब भाषा बन जाते हैं।
बारिश की नमी पाकर प्रेम का कोमल बीज
अंतर्मन में जब,
नई कोंपल बन सतरंगी अंगड़ाई लेता है।
प्रेमसिक्त मधुर मुस्कान गालों पर चुपके से बिखर जाती हैं-
बारिश के संग मदहोश शाम,
चुपके से....
दो दिलों की अनकही बातें कह जाती हैं।
(स्वरचित)
:- तारा कुमारी
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Tara kumari
मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।
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Love poem
October 30, 2020
2
Bahut khoob...
ReplyDeleteThanks.
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