मैं हूँ कि नहीं? Main Hun ki nahin? - Hindi-poem

मैं हूँ कि नहीं? Main hun ki nahin? Hindi -poem


मैं हूँ कि नहीं?

मेरे सुबह सवेरे में तू ,
तेरे सलोने शाम में.. मैं हूँ कि नहीं?

मेरे मचलते जज्बातों में तू ,
तेरी बातों में.. मैं हूँ कि नहीं?

मेरी बेचैनी में तू ,
तेरे अमन-चैन में.. मैं हूँ कि नहीं?

मेरे बदहवास धड़कन में तू ,
तेरे तरतीब साँसों  में.. मैं हूँ कि नहीं?

मेरी निराशाओं में तू ,
तेरी आशाओं में..मैं हूँ कि नहीं?

मेरी शख्सियत में तू ,
तेरी परछाई में..मैं हूँ कि नहीं?

हर लम्हा सोचूँ मैं तुझे ,
तेरी सोच में ..  मैं हूँ कि नहीं?

मेरी खामोशी में तू ,
तेरी आवाज में .. मैं हूँ कि नहीं?

मेरी डूबती सांसों में तू ,
तेरी अठखेलियां करती जिंदगी में.. मैं हूँ कि नहीं?

(स्वरचित)
:-तारा कुमारी

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मैंने इस ब्लॉग / पत्रिका में हमारे आसपास घटित होने वाली कई घटनाक्रमों को चाहे उसमें ख़ुशी हो, दुख हो, उदासी हो, या हमें उत्साहित करतीं हों, दिल को छु लेने वाली उन घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है. कुछ को कविताओं का रूप दिया है, तो कुछ को लघुकथाओं का | इसके साथ ही विविध-अभिव्यक्ति के अंतर्गत लेख,कहानियों,संस्मरण आदि को भी स्थान दिया है। यदि आप भी अपनी रचनाओं के द्वारा ' poetry in hindi' कविताओं के संकलन का हिस्सा बनना चाहते हैं या इच्छुक हैं तो आप सादर आमंत्रित हैं। (रचनाएं - कविता,लघुकथा,लेख,संस्मरण आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं।) इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए पेज about us या contact us पर जाएं।

life poem
June 24, 2020
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