जीवनसंगिनी /पत्नी /Life partner - हिन्दी कविता जीवन में एक रिश्ता बड़ा ही अनूठा होता है :- पति - पत्नी का रिश्ता। इस संबंध की डोर जितनी कोमल होती है, उतनी ही मजबूत भी। पति - पत्नी का संबंध तभी सार्थक होता है जब उनके बीच प्रेम सदा तरोताजा बनी रहे। इन्हीं कोमल भावनाओं के साथ यह कविता प्रस्तुत है जिस में एक पति ने अपनी जीवनसंगिनी के लिये अपने कोमल भावनाओं को अभिव्यक्त किया है। जीवनसंगिनी मेरी साँसे हो तुम मेरी धड़कन हो तुम.. मेरी अर्धांगिनी, मेरी जीवनसंगिनी। मेरे जीवन का आधार हो, सात जन्मों का प्यार हो। माना कि थोड़ी अकड़ती हो तुम, माना कि थोड़ी जिद्दी हो तुम। पर तुम ही मेरा साज हो, तुम ही मेरा नाज हो। हर सुख दुख की साथी तुम, मेरे लड़खड़ाते कदमों का सहारा तुम। बिन तेरे मैं था अधूरा-सा, करते हो तुम मुझे पूरा-सा। तू मेरी आदत, तू मेरा संबल तू मेरी मनमीत, तू मेरी गजल। तेरे आने से खिला नन्हा पुष्प आंगन में, है तुझसे अब अटूट रिश्ता जीवन में। करता हूं मैं दिल से स्वीकार, हाँ, तुझसे है बेइंतेहा प्यार। म