सूक्ष्म - शत्रु है जगत में सूक्ष्म - शत्रु का वार चारो तरफ है फैला हाहाकार है बड़ा ये covid-19 विध्वंसकारी अमेरिका, इटली, चाइना सब पर पड़ गया ये कोरोना वाइरस भारी छुने से फैले ये, साँसों से फैले ऐसी है ये महामारी. कट गए हम दुनिया से पर कोरोना का है आतंक जारी वाइरस ने लिया सहारा उनका हम से जो हो जाती लापरवाही ना अन्तर करे ये मजहब की ना अमीरी - गरीबी की समता है इसका उसूल यह बीमारी है जहान की है भयावह दृश्य अब बनता हर तरफ है संक्रमण बढ़ता आम आदमी कैसे रहें सुरक्षित नर्स डॉक्टर स्टाफ हुए संक्रमित देश दुनिया हो रहे बर्बाद कैसी विडंबना बन पड़ी है आज बढ़ती जा रही अवधि लॉकडाउन की आँधी-सी चल रही मन में आशा - निराशा की. है विचलित करने वाली इसका प्रहार पर हमने भी नहीं मानी है हार हाथ धोना, सोशल - डिस्टेंशिंग है यही कल्याणकारी. रहो घर के अंदर करते रहो खुदको सेनेटाइज यही है मांग सुरक्षा की है तोड़ना कड़ी - संक्रमण का लॉकडाउन का पालन है रास्ता बचने का खुद की करो सुरक्षा और करो सब की परव